Saturday, June 2, 2012

Ham the jinke sahare wo hue na hamare



 
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
डूबी जब दिल की नैय्या, सामने थे किनारे

क्या मोहब्बत के वादे, क्या वफ़ा के इरादे
रेत  की हैं दीवारे, जो भी चाहे गिरा दे

है सभी कुछ जहां में, दोस्ती हैं वफ़ा हैं
अपनी ये कमनसीबी, हम को ना कुछ भी मिला हैं

यूं तो दुनिया बसेगी, तनहाई फिर भी डसेगी
जो जिन्दगी में कमी थी, वो कमी तो रहेगी
 
 गीतकार इंदीवर 
संगीतकार लक्छ्मीकांत  प्यारेलाल  
गायिका लता मंगेशकर 
फिल्म सफ़र 1970 

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